
30 जून और एक जुलाई की दरमियानी रात को मंडी ज़िले की सुदूर सराज घाटी में बादल फटने की 14 घटनाएं हुईं.
इनमें 14 लोगों की मौत हो गई और 31 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. सड़कें, पेड़ और दूसरे कई ढांचे भी पानी के तेज़ बहाव में बह गए हैं.
इस इलाके़ के लोगों के लिए खेती और सेब के बग़ान उनकी आय का अहम ज़रिया है, लेकिन इस साल की मॉनसून की बारिश में उनके खेत और बाग़ान बुरी तरह तबाह हो गए हैं.
जो लोग बच गए हैं, वो धीरे-धीरे इस त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं. वो अब अपने परिजनों की गुमशुदगी की शिकायत लेकर ज़िला प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं.
लोगों को बचाने के लिए चलाए जाने वाले बचाव ऑपरेशन के तहत अब तक 402 लोगों को बचाया गया है. इनमें 92 स्टूडेंट और टीचर शामिल हैं. ये लोग सराज विधानसभा क्षेत्र में जंजैहली के नज़दीक बाग़ों में फंसे हुए थे.
जिला प्रशासन के अनुसार, थुनाग सबसे अधिक प्रभावित सब-डिवीज़न है. यहां लगभग 250 कर्मी बचाव, राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटे हुए हैं.
सराज में तैनात एक डॉक्टर ने नाम न बताने की शर्त पर फ़ोन पर हमें बताया, ”वहां भयावह दृश्य था. कई नाले जो वर्षों से सूखे पड़े थे, बादल फटने के चलते एक ही रात में उफ़ान पर आ गए और देखते ही देखते मकान और सड़कों को बहा ले गए.”